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इंदौर नगर निगम में चार करोड़ का एक और नया घोटाला !Another new scam of Rs 4 crore in Indore Municipal Corporation!

इंदौर नगर निगम में चार करोड़ का एक और नया घोटाला !

प्रणव बजाज



एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की शिकायत पर नगर निगम में हुए ड्रेनेज घोटाले की जांच कर रही है एमजी रोड थाना पुलिस।

इसकी जांच में तीन फाइलें हाथ लगी, जो फरार ठेकेदार मोहम्मद साजिद की हैं। इसमें उसे 3.90 करोड़ के भुगतान का जिक्र है।

इस पर निगम अफसरों के सील-साइन हैं। पुलिस इन तीन फाइलों के जरिये निगमकर्मियों की भूमिका तय करेगी।


इंदौर। 28 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रही पुलिस ने इंदौर नगर निगम का नया घोटाला पकड़ा है। अफसर और बाबुओं की मिलीभगत से ठेकेदार बगैर काम किए तीन बार में चार करोड़ रुपये ले चुके हैं। पुलिस को इस बार घोटाले से जुड़ी असल फाइलें हाथ लगी हैं। गड़बड़ी में शामिल अफसर-कर्मचारियों तक पुलिस आसानी से पहुंच सकेगी।


एमजी रोड थाना पुलिस एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (ईई) सुनील गुप्ता की शिकायत पर नगर निगम में हुए ड्रेनेज घोटाले की जांच कर रही थी। दस्तावेजों की छानबीन में पुलिस को तीन फाइलें हाथ लगीं, जो फरार ठेकेदार मोहम्मद साजिद की थी और उनमें निगम अफसर तीन करोड़ 90 लाख रुपये का पूर्ण भुगतान कर चुके थे।

फाइल पर हैं अफसरों से लेकर बाबुओं के सील-साइन

टीआइ विजयसिंह सिसौदिया के मुताबिक, फाइलें वर्ष 2016 से 2018 के बीच की हैं। वर्ष 2022 में इसका भुगतान हुआ है। साजिद की नींव कंस्ट्रक्शन के नाम से फर्म है। उसने नंदानगर, विनय नगर और संविद नगर (झाड़ूवाली गली) में ड्रेनेज संबंधित कार्य करना बताया और आडिट विभाग ने बिल स्वीकृत भी कर दिए। पुलिस अभी तक फोटो कापी से ही जांच कर रही है। पहली बार असल दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिसमें अफसरों से लेकर बाबुओं के सील-साइन हैं। पुलिस इन तीन फाइलों के जरिये निगमकर्मियों की भूमिका तय करेगी। उधर, ईडी भी पुलिस से एफआइआर की प्रति ले गई है।

पुरानी जांच से मिली चार करोड़ की फाइलें

नगर निगम अफसरों ने पुलिस में 28 करोड़ की गड़बड़ी की शिकायत की, लेकिन असल दस्तावेज नहीं सौंपे। ईई ने कहा कि असल 20 फाइलें मार्च में चोरी हो गई थी। पुलिस ने फोटो कापी के आधार पर जांच शुरू की। आरोपित मोहम्मद सिद्दीकी, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद साजिद, राहुल बढ़ेरा और रेणु बढ़ेरा के बैंक खातों का स्टेटमेंट निकाला तो साजिद के खातों में एक करोड़ 30 लाख के तीन भुगतान की एंट्री मिली जो नगर निगम से प्राप्त हुआ था। दूसरे दिन पता चला कि पुलिस को सौंपी फाइलों में भी घोटाला हुआ है और पुलिस असल दस्तावेज ले गई। इन फाइलें पर अफसरों की टीप, सील अंकित है।

अपर कलेक्टर से हस्ताक्षर के नमूने लेगी पुलिस

पुलिस ने 28 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच में ईई सुनील गुप्ता, प्रसाद रेगे, सतीश बड़के, धरमचंद पालीवाल, अभय राठौर, सेवकराम पाटिल, राकेश शर्मा, अविनाश तसवे के हस्ताक्षर के नमूने ले लिए हैं। तत्कालीन अपर आयुक्त संदीप सोनी और सिटी प्लानर कमलसिंह नमूने देने से बच रहे हैं। सोमवार को पुलिस ने सोनी से संपर्क किया, लेकिन फोन नहीं उठाया। पुलिस अब नोटिस जारी करेगी। सोनी वर्तमान में उज्जैन में अपर कलेक्टर हैं।

टैंकर घोटाला भी खुलेगा

पुलिस ने स्वीकृति से लेकर भुगतान की प्रक्रिया समझी है। सबूतों के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। जीएसटी अफसरों ने भी जानकारी दी है। ओटीपी आरोपितों के फोन पर आया था। सूत्रों के मुताबिक, साजिद ने टैंकर घोटाला भी किया है। मूलत: खंडवा निवासी साजिद आजाद नगर क्षेत्र के कांग्रेस नेता का करीबी है। उसकी खंडवा और खातेगांव में संपत्ति की जानकारी मिली है। आरोपित राहुल मूलत: कानपुर का है।

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