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इजरायल और ईरान के बीच युद्ध का सबसे ...ज्यादा संकट भारत पर क्यो ?Why is India most at risk from the war between Israel and Iran?

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध का सबसे ...ज्यादा संकट भारत पर क्यो ?

विभाष क्षीरसागर

एक करोड़ की आबादी वाले इजरायल और आठ करोड़ की आबादी वाले मुस्लिम देश ईरान के बीच युद्ध भड़कने पर तेल के दाम बढ़ने, कारोबार प्रभावित होने, समुद्री परिवहन पर संकट आने जैसे कारण अपनी जगह है, लेकिन इन दोनों देशों के युद्ध की वजह से सबसे ज्यादा संकट भारत पर आने की आशंका है। दुनिया में मुसलमानों की सबसे ज्यादा आबादी करीब 25 करोड़ भारत में है। यही वजह है कि जब किसी भी मुस्लिम देश पर संकट आता है तो उस देश की विचारधारा के अनुरूप भारत के मुसलमानों में हलचल हो जाती है। पिछले दिनों जब फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास और इजरायल के बीच युद्ध हुआ तो भारत में हमास के समर्थन में एक बड़ी रैली हुई। गंभीर बात तो यह है कि इस रैली को फिलिस्तीन से हमास के एक नेता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। भारत सरकार की नीति भले ही तटस्थ हो, लेकिन यहां रह रहे मुसलमानों ने हमास को पूरा समर्थन दिया। आज ईरान और इजरायल में जो युद्ध शुरू हुआ है उसके पीछे भी हमास एक बड़ा मुद्दा है। इजरायल का आरोप है कि चरमपंथी संगठन हमास को मुस्लिम देश सीरिया, ईरान आदि से समर्थन मिलता है, इसलिए हमास के लड़ाके इजरायल पर मिसाइल चलाते है। हमास ने कई मुस्लिम देशों में अपने ट्रेनिंग केंद्र बना रखे हैं। इजरायल ने हाल ही में ईरान में चल रहे एक ट्रेनिंग केंद्र पर सैन्य कार्यवाही भी की। इसी के जवाब में ईरान ने पांच सौ से भी ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों से इजरायल पर हमला किया। यह बात अलग है कि इजरायल ने अपनी उच्च तकनीक से 95 प्रतिशत हमले रोक दिए। यानी ईरान की मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही उड़ा दिया। इजरायज ने साफ कहा है कि यदि ईरान ने फिर से सैन्य कार्यवाही की तो उसे परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। इजरायल की इस घोषणा के बाद दुनिया भर में तनावपूर्ण हालात हो गए है। ईरान जहां सभी मुस्लिम देशों को एकजुट करने में लगा हुआ है, वही पर्दे के पीछे से रूस और चीन जैसी महाशक्तियां भी इजरायल के खिलाफ सक्रिय है, लेकिन इजरायल को अमेरिका का खुला समर्थन है। दुनिया के अधिकांश मुस्लिम देश इजराइल के खिलाफ है, यही सोच भारत के लिए गंभीर है। भारत में जब हमास के समर्थन में रैली हो सकती है, तब ईरान के समर्थन में भी जुलूस निकल सकते हैं। भारत के अनेक मुस्लिम नेताओं ने ईरान के समर्थन में बयानबाजी भी शुरू कर दी है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति के कारण भारत और ईरान के संबंध बहुत अच्छे है। भारत बड़ी मात्रा में ईरान से तेल आयात कर रहा है। यह बात अलग है कि इसी कूटनीति की वजह से इजरायल भी भारत को अपना दोस्त समझता है। हमास ने जब इजरायल पर हमला किया था, तब सबसे पहले भारत ने ही इजरायल के हितों को लेकर चिंता जताई थी, तब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्यवाही पर बल दिया।

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