Ad Code

Responsive Advertisement

बिहार में पहले चरण में 3 सीटों पर ‘परिवार’ की साख दांव पर, गया से जीतन राम मांझी के लिए कड़ा मुकाबलाIn the first phase of Bihar, the reputation of the 'family' is at stake on 3 seats, tough fight for Jitan Ram Manjhi from Gaya

बिहार में पहले चरण में 3 सीटों पर ‘परिवार’ की साख दांव पर, गया से जीतन राम मांझी के लिए कड़ा मुकाबला



बिहार में भी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल जमकर प्रचार में जुटे हैं. पहले चरण के तहत मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं. बिहार भी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की तरह उन राज्यों में शामिल है जहां सभी सातों चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं. पहले चरण के तहत बिहार में 4 सीटों पर वोटिंग कराई जाएगी, जिसमें 2 सीटें ज्यादा हाई प्रोफाइल है. ऐसे में यहां पर राजनीतिक हलचल भी बढ़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को गया में चुनावी जनसभा कर रहे हैं. अमित शाह भी यहां का दौरा कर चुके हैं. 4 में से 3 सीटों पर राजनीतिक परिवार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.

पहले चरण के तहत 19 अप्रैल यानी शुक्रवार को देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर वोटिंग कराई जाएगी. इसमें बिहार के गया के साथ-साथ औरंगाबाद, नवादा और जमुई लोकसभा सीट भी शामिल हैं. खास बात यह है कि इन 4 में से 2 सीटें (गया और जमुई) अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. रिजर्व गया सीट से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी चुनाव लड़ रहे हैं.

मांझी के सामने पिता के बाद अब बेटा

जीतन राम की पार्टी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (एस) का गठबंधन बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए से है. सीट बंटवारे के तहत यह सीट हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के खाते में आई और पार्टी के वरिष्ठ नेता मांझी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. मांझी के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की ओर से राष्ट्रीय जनता दल ने कुमार सर्वजीत को मैदान में उतारा है. मांझी इस सीट से 2014 और 2019 चुनाव में भी मैदान में उतरे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. जबकि कुमार सर्वजीत एक राजनीतिक परिवार से आते हैं और वह मांझी को कड़ी चुनौती दे रहे हैं. सर्वजीत के पिता राजेश ने आज से करीब 33 साल पहले जीतन राम मांझी को हरा चुके हैं.

ऐसे में गया सीट पर इस बार मुकाबला कड़ा होने जा रहा है. सर्वजीत बोधगया से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक हैं. वह महागठबंधन की सरकार में मंत्री तक रहे हैं. उनके पिता गया से लोकसभा सांसद रहे हैं. तेजस्वी यादव अपने प्रत्याशी के लिए लगातार प्रचार कर रहे हैं जबकि यहां पर पीएम मोदी ने चुनावी रैली के लिए जरिए मांझी की खातिर लोगों से वोट मांगे हैं.

जमुई सीट पर चिराग के जीजा मैदान में

बुजुर्ग नेता मांझी की गया सीट के अलावा जमुई लोकसभा सीट पर भी सभी की नजर है. जमुई सीट से एनडीए की ओर से साझीदार पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास पासवान) ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. 2014 और 2019 में यहां से सांसद चुने गए चिराग पासवान इस बार जमुई से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उन्होंने अपने बहनोई अरुण भारती को मैदान में उतारा है. वह लगातार अरुण के समर्थन में प्रचार भी कर रहे हैं.

पेशे से इंजीनियर अरुण भारती का परिवार भी राजनीति से जुड़ा रहा है. हालांकि उनके परिवार का नाता कांग्रेस से रहा. मां डॉक्टर ज्योति भोजपुर जिले की सहार विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर 2 बार विधायक चुनी गईं. वह राज्य सरकार में मंत्री भी रही. अरुण पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की बेटी निशा पासवान के पति हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि पिछले 10 सालों से जमुई में जीत रही लोक जनशक्ति पार्टी इस बार हैट्रिक लगा पाती है या नहीं.

नवादा में भी राजनीतिक परिवार दांव पर

पहले चरण में औरंगाबाद संसदीय सीट से बीजेपी ने सुशील कुमार सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अभय कुशवाहा को टिकट दिया है. सुशील कुमार सिंह एक बड़ा चेहरा हैं और वह कई बार यहां से सांसद चुने जा चुके हैं. वह बीजेपी के टिकट पर लगातार 2 बार चुनाव जीत भी चुके हैं. उन्होंने 2014 में ही बीजेपी ज्वाइन की थी. आरजेडी की ओर से मैदान में उतरे अभय कुशवाहा करोड़पति हैं और उनके खिलाफ कई मुकदमें भी दर्ज हैं. इनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के ज्यादातर मामले चल रहे हैं. लेकिन वह सुशील को कड़ी चुनौती देते दिख रहे हैं.

नवादा संसदीय सीट पर बीजेपी ने अपना उम्मीदवार उतारा है. बीजेपी ने राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर को मैदान में उतारा है. वह एक राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता सीपी ठाकुर बिहार की राजनीति में बड़ा चेहरा थे और केंद्र में मंत्री भी रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने ठाकुर के सामने श्रवण कुशवाहा को मैदान में उतारा है. श्रवण पहली बार सांसद बनने के लिए मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं.

बिहार की 40 संसदीय सीटों में से 4 सीटों पर पहले चरण में वोटिंग हो रही है और ये सभी सीटें बीजेपी और विपक्ष दोनों के लिए बेहद जरूरी हैं. इन 4 में से 3 सीटों पर राजनीतिक परिवारों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. अब देखना है कि चुनाव परिणाम में यहां से किसके पक्ष में जीत जाती है.

Post a Comment

0 Comments

Ad Code

Responsive Advertisement